उतर-पूर्व भाग की सतह नीची और अधिक से अधिक खुली रखनी चाहिए क्योंकि इनके खुला रखने तथा उतर-पूर्व की ओर ढलान होने से लक्ष्मी की स्वतः वृद्धि होती है।
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हिंदी में भावार्थ-जल में मिलाया गया तेल, दुर्जन को बताया गया गुप्त रहस्य, सुपात्र को दिया गया धन का दान और बुद्धिमान को प्रदाय किया ज्ञान स्वतः वृद्धि को प्राप्त होते हैं।